एक डोर में सबको बांधती,वो हिंदी है, लेखनी कविता प्रतियोगिता# आधे-अधूरे मिसरे-25-Jul-2023
कलम आज उनकी जय बोल
कलम, आज उनकी जय बोल,
भारत के हैं वो तो रत्न अनमोल।
जो देश की खातिर जान हथेली पर लिए ,
अपने माता-पिता को छोड़ अकेले चल दिए ।
सरहद की रक्षा के लिए माँ का आँचल छोड़ा,
क्या लिखें हम उनके लिए शब्द लगते थोड़ा।
हम सुरक्षित अपने घरों में सो सकें,
वो जगते रहे सरहद पर बिना झुके।
कलम आज उनकी जय बोल,
भारत के हैं वो रत्न अनमोल।
उनके बलिदान का रखना है मान,
कभी न झुकने देना झंडे की शान।
उनका करना हरदम सम्मान,
जो देश की खातिर देते अपनी जान।
माँ शारदे दो लेखनी में धार,
जय भारती हर शब्द में देना उतार।।
कविता झा'काव्य'
#लेखनी
#आधे अधूरे मिसरे लेखनी प्रतियोगिता
Shashank मणि Yadava 'सनम'
10-Sep-2023 08:26 PM
Very nice
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Milind salve
12-Aug-2023 12:42 PM
Nice
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